रुकता नहीं ,
समय का पहिया ,
निर्विघ्न चले !
पहचानिए ,
समय की कीमत ,
ये अनमोल !
लक्ष्य साधिए ,
वक्त संग चलना,
बुद्धि आपकी !
ढाए चलाए ,
हंसाए रुलाए ये ,
कभी सताए !
सीख सटीक ,
रोके टोके पढ़ाए ,
सबका गुरु !
टिके न ज़रा,
क्षणिक भर जैसे ,
मुट्ठी में रेत !
राजा या रंक ,
बेमुरब्बत वक्त ,
डरे न कभी !
मानव तेरे ,
फर्श से अर्श तक ,
समय संग !
जन्म - मृत्यु ,
तक बोझ ये ढोए ,
वक्त इंशां का !
तू जान इंशां ,
कर्म है तेरे हाथ ,
वक्त महान !
समयानुसार ,
ढल, अरे इन्सान,
आगे तू जान !
🌷🌷🌷🌷🌷🌷
✍️ _राजेश कुमार कौशल ,
[हमीरपुर,हिमाचल प्रदेश]