लेकर हिसाब दिल का पास तेरे आए हैं देकर हवाला जुल्म तेरा करने अर्ज हम पास तेरे बड़ी दूर से आए हैं
बगैर किए तुमसे गुफ्तगू करार दिल को भी हुआ नहीं हम लेकर साथ झोली अरमानों की पास तेरे आए हैं
तू गया दूर मुझसे मगर दिल से ना हुआ जुदा कभी बताने वास्ते दर्द तुम्हें ही घबरा कर हम पास तेरे आए हैं
बुरा वो लम्हात मोहब्बत का था कितना बताने तुम्हें आए हैं और याद तेरा मिटा नहीं बताने पास तेरे आए हैं
है दर्द कितना कहूं कैसे और इतने हम हुनरमंद नहीं कि कुछ कह सकूं इसीलिए करने अर्ज पास तेरे आए हैं
🙏मेरी स्वरचित गज़ल दास्तां ए दर्द ए दिल🙏