अहंकार का विष
शिवानी जैन एडवोकेट
अहंकार का विष है ऐसा,
जो मन को कर देता है मैला।
खुद को ही सबसे बड़ा समझना,
और औरों को छोटा समझना।
यह विष धीरे-धीरे घुलता है,
और इंसान को खोखला करता है।
अहंकार से दूर रहो सदा,
विनम्रता को अपनाओ सदा।
क्योंकि विनम्रता में ही,
सच्ची खुशी है समाई।
अहंकार तो बस,
एक भ्रम है भाई।