New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

दिल लेकर हमको जख्म है दिया-ताज मोहम्मद

सनम देखो मेरा बड़ा है अश्किया।
दिल लेकर हमको जख्म है दिया।।1।।

पता है मुझे उसकी मोहब्बत का।
इश्क़ है उसे मुझसे झूठा शर्तियाँ।।2।।

मजबूर है हम बड़े अपने दिल से।
ये नादाँ है जो करता है गलतियाँ।।3।।

डूब जाओगे इश्क़ के समन्दर में।
इसमें पाती ना साहिल कश्तियाँ।।4।।

इश्क़ बता ना पाया कोई आलिम।
मिट गई है देखो कितनी हस्तियाँ।।5।।

यह इश्क है आयेगा दिन मेरा भी।
आज तुम चला लो दिले-मर्जियाँ।।6।।

बंद कर लो हिज़ाब से अब चेहरा।
नज़रों में तेरी हैं गुस्ताख़ शोखियाँ।।7।।

कौन सा कहर ऐसा नाज़िल हुआ।
वीरान है सारी की सारी बस्तियाँ।।8।।

कोई भी गज़ब ना तेरी ये ज़िन्दगी।
रही है हमेशा से उल्फ़ते इश्कियाँ।।9।।

वाह खूब ही अदाकारी कर लेते हो।
लो पानी,झूठी तुम्हारी है हिचकियाँ।।10।।

होती है घरोंमें बरकतें जो ये होती है।
फिर भी जलायी जाती है लड़कियाँ।।11।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ















समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

Bhushan Saahu said

Aapki lekhni ka jabab nahi ha janab..bahut hi umda peshkash.

रीना कुमारी प्रजापत said

वाह क्या खूब ग़ज़ल कही है आपने, umda

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut khoob Taj Saahab Salaam Adaab

रमेश चंद्र said

Bahut sundar prastuti... aapki kalam hmesa ase hi likhti rahe yahi dua ha hmari.

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन