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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

आधार बहुत है

"आधार बहुत है"
स्नेह नजर से देख रहे हो
इतना ही आधार बहुत है
अधर भीगे रहें हंसी से
सारी उमर हरी रखने को
इतनी ही रसधार बहुत है
क्षण क्षण स्मृति तुम्हारी
हृदय में कौंध जाती है
रोम रोम पुलकित है मेरा
स्नेह का अम्बार मिला है
जीवन नैया पार लगाने को
इतनी ही रसधार बहुत है
स्नेह नजर -----
बड़भागी है मेरा मन कितना
गाने को मृदुगान मिला है
क़र्ज़ चुका पाऊं स्नेह का
उस समर्पण की तलाश है
बरसों से जिसको ख़ोज रहीं थीं
पूजन को वो भगवान मिला है
तुम मेरे अपने लगते हो
जीवन बाती जलाने को
इतनी ही रसधार बहुत है
स्नेह नजर से ----
मौलिक रचना
✍️ अर्पिता पांडेय




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (2)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut hi sundar hradaysparshi rachna Mam 🙏🙏 pranam sweekar karein

अर्पिता पांडेय replied

आपकी सराहना एवं उत्साह वर्धन हेतु धन्यवाद

Lekhram Yadav said

आपकी कलम में भी रफ्तार बहुत है कमेंट करने का भी आधार बहुत है उन्मुक्त हो लिखते रहो तुम कलम से इसे सुन्दर बताने के आधार बहुत हैं

अर्पिता पांडेय replied

ऐसी सुंदर प्रतिक्रिया मिली इतना ही आधार बहुत है मेरी लेखनी से निकलती रहेंगी कविताएं यूं ही इतनी ही रसधार बहुत है सादर आभार कोटि-कोटि नमन

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