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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

कविता - दूसरों के लिए जीना ही जीवन है

(कविता ) (दूसराें के लिए जीना ही जीवन है)
किसी का उद्वार करना सब का छूटता पसीना
अपने लिए जीना भी क्या जीना


दूसराें का हाे या अपना एक ही ताे तन है
दूसराे के लिए जीना ही जीवन है

अपने काे ही बनाना
अपने लिए ही खाना

न किसी के दु:ख:में राे रहा
अाज मानव क्याें ऐसा हाे रहा?

सिर्फ अपने लिए कमाना वह ताे है कमिना
अपने लिए जीना भी क्या जीना

बहुत बुरी बात हर काेई अपने में ही मगन है
दूसराें के लिए जीना ही जीवन है

हर काेई यहाँ अपने लिए मर रहा
किसी दूसरे के लिए कुछ भी नहीं कर रहा

जिसकाे देखाे वह बड़ा व्यस्त है
अपने अाप में मस्त है

किसी काे डान्स दिखना किसी काे है शराब पीना
अपने लिए जीना भी क्या जीना

पीड़ित बर्गाें काे देखाे उनका भी ताे मन है
दूसराें के लिए जीना ही जीवन है

खुद बना जग बन गया ये पुराना चलन है
यहाँ का यही ताे बदचलन है

हर इंसान अपने स्वार्थ में ही अड़ा है
न जाने किस चक्कर में पड़ा है

हर काेई बन रहा डसने वाली नगीना
अपने लिए जीना भी क्या जीना

किसी के लिए न साेचना यही ताे बेफकुफी पन है
दूसराें के लिए जीना ही जीवन है
दूसराें के लिए जीना ही जीवन है.......




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (2)

+

Komal Raju said

Aapne bilkul thik kha ja. Hame dusro ke bhale ke bare m bhi sochna chahy. Hmesa apna apna krte hain ham. Dusro ke liye ek bar jikar dekhiye kitna sukun milta h.

नेत्र प्रसाद गौतम replied

नमस्कार जी आप की प्रशंसा ही और लिखने में प्रेरित करती है धन्यवाद।

Jivani Sharma said

Bilkul thik kha... hame ek dusre ka hath pakadkar hi aage badhna hoga. Jivan m dusro ke liye kuch krke dekho alag hi aanand aayega. Bahut khoob likha..aur itne sundar vicharo ko naman ha dil se🙏👏

नेत्र प्रसाद गौतम replied

नमस्कार जीवनी गर्ग जी आप की ये प्रशंसा मूझ को कुछ और लिखने को प्रेरित करती है धन्यवाद।

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