अपना घर समाज देश को अब तो याराें बनाओ
बहु भी अपनि एक बेटी है ये मान जाओ
बिकृति समाज में जबी भी चल रही
कहीं कहीं तो बहू अभी भी जल रही
कोई अस्पताल में गिन रही सास
किसी का है श्मशान घाट पर लास
उखाड फेंको दहेज न इसे अपनाओ
अपना घर समाज देश को अब तो याराें बनाओ
न फरक पडता न तुम्हें कुछ हाेता है
गरीब मां बाप का दिल तो बहुत राेता है
सोचाे बहू के मायके से यदि दहेज लाओगे
अरे वह तुम कितने दिन खाओगे?
खुद कर कर परिश्रम पसीना बहाओ
अपना घर समाज देश को अब तो याराें बनाओ
किसी भी हालत में न ले आओ दहेज
इससे दूर रहाे अब कराे परहेज
समझाे मेरे सारे बहनाें और भाइ
इसी में है हम सब कि भलाई
दहेज लेने और देने में प्रतिबन्ध लगाओ
अपना घर समाज देश को अब तो याराें बनाओ
अपना घर समाज देश को अब तो याराें बनाओ.......
----नेत्र प्रसाद गौतम