कभी छुपना कभी दिखना ये ताे चलता ही है प्यार में
न पढ़ना न लिखना ये ताे चलता ही है प्यार में
कभी हंसना कभी राेना ये ताे चलता ही है प्यार में
कभी पास हाेना कभी दूर हाेना येताे चलता ही है प्यार में
कभी रुठना कभी मनाना ये ताे चलता ही है प्यार में
कभी तड़पना कभी मिलना ये ताे चलता ही है प्यार में
कभी मीठी बात कभी कड़वी बात ये ताे चलता ही है प्यार में
कभी साथ कभी विश्वासघात ये ताे चलता ही है प्यार मे
कभी कसमें खाना कभी वादे करना ये ताे चलता ही है प्यार में
कभी जीना कभी मरना ये ताे चलता ही है प्यार में
इसी लिए दोस्तों जरा डरना
प्यार जरा संभल कर ही करना
प्यार जरा संभल कर ही करना.......
----नेत्र प्रसाद गौतम