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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

स्वयंभू - Ashok Pachauri


न किसी ने रचा, न किसी ने गढ़ा,
स्वयं से स्वयं में जो हुआ खड़ा।
ना आदि, न अंत, न कोई आकार,
स्वयंभू है वह, जग का आधार।

ना जन्म लिया, ना मृत्यु को पाया,
काल के बंधन को जिसने मिटाया।
स्वयं ही शाश्वत, स्वयं ही ब्रह्म,
अखंड, अजर, अमर परमहंस।

न कोई तत्व, न कोई उपाधि,
ना कोई सीमा, न कोई बाधा।
जिसे खोजें योगी ध्यान लगाकर,
जो बसता हर कण में समाकर।

हर श्वास में वह, हर आकाश में वह,
हर धड़कन में, हर प्रकाश में वह।
जिसे जान ले, वह मुक्त हो जाए,
स्वयं में ही स्वयंभू को पा जाए।




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (8)

+

सुभाष कुमार यादव said

उत्तम रचना पचौरी सर। क्या कहने। बेहतरीन।👌👌👌

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

Bahut abhaar Adarneey Yadav Sir Ka...Sameeksha Ke liye Kratagya hu...🙏🙏

Updesh Kumar Shakyawar said

अति उत्तम...हर श्वास में वह...चरितार्थ किया 👌👌

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

Sameeksha ke liye Adarneey Sir ji ka bahut bahut abhari hun...🙏🙏

Lekhram Yadav said

बहुत बेहतरीन रचना, आजकल आप टीम इंडिया की तरह जबरदस्त फार्म में लग रहे हो, आपको सुप्रभात सहित सादर नमस्कार

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

Aapke shabdon ke liye bahut abhari hun...ek guru ko agar aisa lagta hai to shishya ke liye gaurav ki baat hai...Aapko Saadar Pranam...

वन्दना सूद said

वाह वाह 👌👌अति सुंदर प्रस्तुति

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

Bahut abhaar aapka,, Hausla Badhane ke liye aapko saadar pranam Adarneey Mam 🙏🙏

श्रेयसी said

बेहतरीन प्रस्तुति। उत्तम रचना। सादर प्रणाम अशोक जी 🙏🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

Aapka Bahut bahut Aabhar Adarneey Mam... Saadar Pranam 🙏🙏

Supriya sahu said

खूबसूरत रचना👌👌, रचना की जितनी तारीफ की जाए कम है,आपको सादर प्रणाम सर जी...🙏🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

Aapka Bahut Abhaar Mam,,Saadar Pranaam 🙏🙏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

अशोक जी बहुत सुंदर भावमय, उत्कृष्ट रचना।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

Aapka bahut bahut abhaar Adarneey...aapki upasthiti gauravmayi hai..

अनिल भारद्वाज एडवोकेट said

गहन चिंतन रचना, वाह-वाह पचोरी जी कमाल कर दिया आपने। अध्यात्म और यथार्थ को संयोजित करती हुई रचना के लिए हार्दिक बधाई।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

Aapki upsthiti evam shandaar pratikriya ke liye aapka abhar

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