चुनाव की धांधली, की अब राज खोलेगा ।
पड़ेगे प्रशासन के दो डंडे, राज सभी उगलेगा।
पहाड़ी तोता, शुद्ध हिंदी बोलता है।
बहरूपिया है, वक्त पड़े तो म्याऊं म्याऊं भी बोलता है।
बैठ जाता है, कभी इस डाल पर कभी उसे डाल पर।
कुंडली मारकर बैठ जाता है, दूसरों के माल पर।
बरसों पहले उड़ गया था, जिस डाल से।
आज भी चोरी कर करके खा रहा है, फल उस डाल से।
यह भ्रष्टाचारी है,
इसे बस भ्रष्टाचार दिखाई देता है।
नई-नई तरकीबों से,
आता माल दिखाई देता है।