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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

बुलाया है मुझे

बुलाया है मुझे
आज फिर उस ने, बुलाया है मुझे
फिरसे ख्वाब नया दिखाया है मुझे

ऐसी तो मुझमें अब कोई बात नहीं फ़िर किसी काम से बुलाया है मुझे

गलतफहमी उसको कोई हुई होगी
भूल से उसने फिर बुलाया है मुझे

इश्क मुझसे शायद उसे हुआ होगा
किसलिए उस ने यूं बुलाया है मुझे

बढ़ रही है धङकन सोच कर यही
क्या कहूं तुमसे क्यूं बुलाया है मुझे

कुछ तो ऐसा हुआ है उनको यादव
इसीलिए तो उस ने बुलाया है मुझे
लेखराम यादव


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (1)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut khoob Yadav sar Bahut khoob kuchh to Aisa Ishq jesa hua hoga tabhi Bulaya hai

Lekhram Yadav replied

सर कभी आप मई अपनी महफिल में बुला लेते कम से कम आपके दर्शन तो हो जाते।

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