New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

बुला लेते मुझें यूँ किसी भी बहाने से-ताज मोहम्मद

इक नजर ही देख लेता तुम्हें जाने से पहले।
बुला लेते मुझें यूँ किसी भी बहाने से पहले।।1।।

हरआंख-आंख की पसंद हो जरूरी तो नहीं।
तुम्हे पूंछना था उससे रिश्ता लगाने से पहले।।2।।

तोहमत न लगा मुझ पे सिलसिला तोड़ने का।
तुम्हें सोचना था ये तो दिल दुखाने से पहले।।3।।

हैं हर नज़र में अब बस मेरा ही घर शहर में।
जो मकान था दिवार-ए-दर सजाने से पहले।।4।।

क्या तहरूफ़ कराना मुझसे उस मेहमाँ का।
उसको जानता हूं मैं बहुत जमाने से पहले।।5।।

सूकून-ए-रूह छिन जाता हैं इस इश्क में।
तुम्हें जान लेना था दिल लगाने से पहले।।6।।

हर सम्त अंधेरा है जाने रास्ता किस तरफ है।
पता रखना था चिरागे रोशनी बुझाने से पहले।।7।।

क्या हुआ जो तुम हो गए किसी गैर के अब।
इसका तो पता था मुझे तुम्हारे जाने से पहले।।8।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ




समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

Ankush Gupta said

Waah kya baat hai bahut khoob👌👌

ताज मोहम्मद replied

आपका बहुत बहुत आभार।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut hi umda Taj Saahab Intzaar Rahta Hai aapko rachnaon ka Salam Aadab.🙏🙏

ताज मोहम्मद replied

आप जैसे कद्रदान भाई हो तो क्या कहने। बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय।

Updesh Kumar Shakyawar said

बहुत सुंदर पंक्तियां बहुत खूब

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन