कौवों की बिरादरी में मच गया शोर
कल लगेगी दावत घनघोर
मिलेगी हलवा पूरी सजेगा छप्पन भोग
एक दूजे को दे रहे हैं न्योता
मचाकर कांव कांव का शोर
कोई आये इधर से कोई आये उधर से
अपना अपना समूह बनायें
दावत में जाने की तैयारी हो रही
ज़ोर शोर कोई पहने सूट-बूट
कोई घूम रहे सिर्फ टाई
माथे पर सजाकर गजरा
चोंच लगा लाली घूम रही
हैं कौवों की महारानी रानी
एक दूजे से सुंदर दिखने की
मच गयी बिरादरी में होड़
दावत में जायेंगे खूब मौज उड़ायेंगे
केवल इसी चर्चा पर है ज़ोर
मौलिक रचना
✍️#अर्पिता पांडेय

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




