छोटी-छोटी खुशियों की पोटली,
चली मैं तो लेकर चली। 2
बाबू देंगे गाली हजार है,
मैं ना मानूँगी उनकी बतियाँ।
मैया झिड़की दें हजार बार,
मैं ना सुनूँगी उनकी बतियाँ।
भैया लड़े हैं मुझे रोज-रोज,
फिर भी रिश्ता है अनमोल।
बहना करे है मुझसे पाटीदारी,
फिर भी रहेगी सदा वो प्यारी।
छोटी-छोटी खुशियों की पोटली,
चली मैं तो लेकर चली। 2
मेरी सहेली करे हठखेली,
मैं करूँगी उसके संग ठिठोली।
उसकी मीठी लगें है बतियाँ,
उड़ा ले जाएँ मेरी मीठी रतियाँ।
देखो मैं तो मस्त चली रे चली,
बनके तितली फिरने चली।
लड़के छेड़ें गली के मोड़ पर, 2
मैं तो आई उनकी हड्डियाँ तोड़कर।
जीवन की राहों में है हँसी,
सपनों की बगिया मैं बुन चली। 2,
देखो मैं,बाबुल का घर छोड़ ,
अब तो मैं अपने पिया घर चली। 2
छोटी-छोटी खुशियों की पोटली,
चली मैं तो लेकर चली। 2