बीज बोये है निगाह से निगाह मिलाकर।
फसल पकने दे उसके एतबार में आकर।।
एहसास सलामत लगा फसल के अन्दर।
रोज सुबह देख लेती इधर-उधर घूमकर।।
दाने पडने का इंतजार फसल में 'उपदेश'।
तब अपनी मेहनत पर इतराऊँगी झूमकर।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद