बड़े अजीब इंसान हो तुम,
जो पास है उनसे दूर रहते हो तुम।
और जो दूर है उन्हें पास करने में लगे हो तुम,
बड़े अजीब इंसान हो तुम।
जो जान लुटाते है तुम पर,
उनसे उखड़े-उखड़े से रहते हो तुम।
और जो देखना तक चाहते नहीं तुम्हें,
उन्हें अपनी सिर आंखों पर बिठाए हो तुम।
बड़े अजीब इंसान हो तुम..........
जो जानते हैं तुम्हें,
उनसे अजनबी सा सुलूक करते हो तुम।
और जो जानते तक नहीं तुम्हें,
उन्हें अपनों से ज़्यादा तवज्जो देते हो तुम।
बड़े अजीब इंसान हो तुम...........
जो तुमसे एक लफ़्ज़ सुनने को तरसते रहते,
उनसे बिना वजह ही नाराज़ रहते हो तुम।
और जो बात भी नहीं करना चाहते तुमसे,
बस उन्हीं की बातें करते रहते हो तुम।
बड़े अजीब इंसान हो तुम........
🖋️ रीना कुमारी प्रजापत 🖋️