अधिकारी, नेता, सब मिलकर,
लूट रहे हैं देश की दौलत।
गरीबों का खून चूस रहे हैं,
बन रहे हैं गरीबों की मौत।
कब तक चलेगा ये खेल,
कब तक सहेंगे हम ये सब?
आवाज उठानी होगी,
तभी होगा कुछ काम।
ईमानदारी का रास्ता चुनना होगा,
भ्रष्टाचार को मिटाना होगा।
देश को बनाना होगा स्वच्छ ऐ!"विख्यात"
तभी हम खुशहाल हो पाएंगे।