मेरे मन का मालिक बन जाओ
ताकि मन के चमन में फूल फले सदा
तेरे नाम जपते ही मुक्ति मिली मुझे
तप करते-करते मन लीन हो जाए तुझमें ॥
तेरे आवास में जिंदगी झूम उठती
कभी हँसती - गाती कभी नाचती -फिरती
आसपास हजार लोग विद्यमान रहे
सुख - दुःख बांटने मन उन्हीं को पुकारते हैं बार-बार ॥
तेरे आगमन से फूल खिलेगा
तेरे प्रस्थान से खुशबू बिखेर जाएगी
जिंदगी की कश्ती में एक मात्र सहारा हो तुम
कसक में भी सुकून की परछाई हो तुम है नाथ ॥


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
The Flower of Word by Vedvyas Mishra







