घर के बाहर सड़क पर गुजरा था कई बार।
तब पता न था इश्क हो जायेगा उसके द्वार।।
अपने दिल को नही समझाते तो क्या करते।
अंधेरे में थी मेरी दुनिया रोशनी का इंतजार।।
संयोग भर रहा दिल से दिल नजर से नजर।
टकराई 'उपदेश' अब चुकाना पडेगा उधार।।
मौका-ए-वारदात का दोस्ती से रिश्ता होगा।
खुशी तब होगी जब उसका भी हो इजहार।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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