अगर मैं हिन्दू होता हूँ
तो हिन्दू राष्ट्र मांगता हूँ
अन्य पंथों से घृणा करता हूँ
मैं संकीर्णता के पास में
बंधता हूँ
अगर मैं सनातन होता हूँ
तो अन्तरिक्ष हो जाता हूँ
सब मत मुझमे समा जाते है
मुझसे सब निकलता सा
प्रतीत होता है
अगर मैं हिन्दू होता हूँ
तो डरता हूँ मिट जाने से
किसी और में विलीन में
हो जाने से
अगर मैं हिन्दू होता हूँ
तो मैं धर्म से दूर हो जाता हूँ
अगर मैं सनातन होता हूँ
तो अमर हो जाता हूँ
मैं अविरल अविनाशी
हो जाता हूँ
मैं समस्त में समा जाता हूँ
मैं दया का स्रोत
करुना में ओत प्रोत
विश्वगुरु हो जाता हूँ
विश्वप्रेम में मगन
शांतिदूत हो जाता हूँ

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




