बुरे दिन चले गए है
चलते - चलते नये पाठ सिखा के चले गए है
हम समझते हैं कि दिन बुरे है
पर दिन कभी बुरे नहीं होते
क्योंकि ये सब हमारे कर्मों का फल है
किसी हरकत करके इंसान
खुद को बचाने हेतु दिन या समय
पर आरोप लगाते है
कर्म अच्छे है तो फल भी अच्छे है
कर्म बुरे है तो फल भी बुरे है
हम जो करेंगे
लौटकर फिर वही मिलेंगे हमें
कुछ भी हो हमारी समझ पर निर्भर होती है
जब तक हम महसूस नहीं हो पाएंगे
तब तक कुछ भी हो गलत समझके बैठते है ॥