🌹हयग्रीव अवतार
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हयग्रीव अवतार भगवान विष्णु का एक अवतार है, जिसमें उन्होंने एक घोड़े की गर्दन वाले पुरुष का रूप धारण किया था
हयग्रीव अवतार की कथा के अनुसार, मधु और कैटभ नामक दो असुरों ने वेदों को चोरी कर लिया था। भगवान विष्णु ने हयग्रीव अवतार लिया और इन असुरों को मारकर वेदों को पुनः प्राप्त किया
हयग्रीव अवतार का नाम हयग्रीव इसलिए है क्योंकि भगवान विष्णु ने इस अवतार में एक घोड़े की गर्दन वाले पुरुष का रूप धारण किया था।
🌹भगवान विष्णु का कूर्म अवतार
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कथा के अनुसार, देवताओं और असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन किया था। इस मंथन से कई अमृत और विषैले पदार्थ निकले, जिनमें से एक था हलाहल विष
इस विष को पीने के लिए कोई तैयार नहीं था, तब भगवान शिव ने इस विष को पी लिया था। इससे उनका गला नीला हो गया था और वे नीलकंठ कहलाए।
समुद्र मंथन के दौरान, मंदराचल पर्वत डूबने लगा था। तब भगवान विष्णु ने कूर्म अवतार लिया और अपनी पीठ पर मंदराचल पर्वत को संभाल लिया। समुद्र मंथन से चौदह रत्नों की प्राप्ति हुई जिसमें, कामधेनु गाय, परिजात वृक्ष, ऐरावत हाथी,उच्चैश्रवा नामक अश्व, माता लक्ष्मी, अमृत,हलाहल विष,आदि
इस प्रकार, भगवान विष्णु ने कूर्म अवतार में समुद्र मंथन को सफल बनाया और देवताओं को अमृत प्राप्त करने में मदद की।
जब अमृत कलश प्राप्त हुआ तब दैत्यों और देवताओं में अमृत कलश को लेकर छीना-झपटी होने लगी,उस समय अमृत की कुछ बूंदें धरती पर गिर पड़ी और
जहां वह बूंदें गिरी उन स्थानों पर आज भी कुंभ स्नान अर्द्ध कुंभ महाकुंभ मेले का आयोजन किया जाता है
✍️#अर्पिता पांडेय