'बेटियाँ'
घर की शान हैं बेटियाँ,
जीवन की अभिराम हैं बेटियाँ,
जिनके आने से जीवन में आए खुशी,
खुशियों की पहचान हैं बेटियाँ।
कीचड़ पर चलते, वो नन्हें पग,
लगता है, जैसे यहीं है सारा जग,
जीवन की मधुर संगीत में,
सुरीली तान हैं बेटियाँ।
ओस की बूँदों से प्यारी,
सारे जग से न्यारी,
हैं किन्हीं दूसरे की धरोहर,
फिर भी घर की शान हैं बेटियाँ।
🖊️सुभाष कुमार यादव