उसने देखा जब हम को तो मुस्कुराए हम
एक ख्वाबों की नई दुनियां बसा आए हम
देख रही थी राहें जो अन्जान सी आंखें
उन में यह जहां दिल का बसा आए हम
जब भी देखा उस ने यूं बार-बार हमें
उनको पल वो खुशी का दे आए हम
क्या होगा आगे ये हमको मालूम नहीं
पास एक दिल था मेरे वही दे आए हम
बाजार बहुत दिल के हमने देखे
हैं यहां
ये गम का दरिया वहीं से ले आए हम
जवाब आएगा कब तक ये न जाने यादव
ये साथ इन्तजार का अब ले आए हम
- लेखराम यादव
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