टूट कर भी राह पर नही आता दिल।
बुनता रहता जाल नजर आता दिल।।
सोचा हूँ रुखसत कर दूँ जज़्बात अब।
झुकी निगाह को याद दिलाता दिल।।
उम्मीदे खाक होने से पहले चाहती है।
शायद तसव्वुर में रहना चाहता दिल।।
रंगने को मन करता उन्हीं के रंग में।
कुछ कुछ गुंजाईश बाकी चाहता दिल।।
वो भी कह दे 'उपदेश' अपने मन की।
छाई बेकरारी दूर करना चाहता दिल।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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