सफलता का एक ही मूलमंत्र है,
खुश रहो..हर हाल में खुश रहो !!
खेलना ही है तो ज़रा बेबाक़ी से खेलो,
न भी खेल सको तो फटेहाल मत रहो !!
हमने तो ना बनाई दुनिया..जिसने बनाई वो जाने,
जैसे भी हो पर खस्ताहाल न रहो !!
चल ना सको दो क़दम तो आराम ही कर लो,
जैसे भी हो हर हाल में मस्त रहो !!
कुँवारा रहना बुरा नहीं..ग़र शादी न करना चाहो,
जैसे भी रहो मगर मालामाल रहो !!
एक हलकी😍फुलकी रचना
वेदव्यास मिश्र की मालामाल कलम से..
सर्वाधिकार अधीन है