कविता:प्रभु ध्यान
दिनांक:29/08/2025
जग में जीना हमको,राह सुगम बनाए रखना।
प्रभु ध्यान हमारा रख,आशीष बनाए रखना।
भूल जो हमसे हो जाए ,माफ हमेशा करना।
प्रभु ध्यान हमारा रख आशीष हमेशा रखना।
अग्यानी बालक हम सब,कृपा बनाए रखना।
प्रभु ध्यान हमारा रख आशीष हमेशा रखना।
भटके अंधकार में हम,प्रकाश बनाए रखना।
प्रभु ध्यान हमारा रख आशीष हमेशा रखना।
भवसागर पार करना है, ऊंगली थामे रखना।
प्रभु ध्यान हमारा रख आशीष हमेशा रखना।
हमने जो पाया है उसकी रक्षा हमेशा करना।
प्रभु ध्यान हमारा रख आशीष हमेशा रखना।
नजर ना लगे हमको कृपा दृष्टि हमेशा रखना।
प्रभु ध्यान हमारा रख आशीष हमेशा रखना।
कर्तव्य मार्ग अपनाए, बुद्धिमान बनाए रखना।
प्रभु ध्यान हमारा रख आशीष हमेशा रखना।
सत्यवीर वैष्णव बारां राजस्थान