कापीराइट गजल
दिल अपना दे बैठे
अनजाने में, हम उन से, ये सौदा एक कर बैठे
दिल के बदले में उनको हम दिल अपना दे बैठे
अनजाने में जब उसने, मुझे अपने पास बुलाया
एक नजर में हम उनसे सौदा दिल का कर बैठे
दे कर, उन को चांद सितारे, जब हम घर आए
प्यार की लौ से हम रौशन, घर अपना कर बैठे
शाम ढ़ली तो यादें उनकी कहर ढ़ा गई दिल पे
यादों की इस नैया में, हम रात, सफर कर बैठे
सौंप दिया है, दिल उन को आगे मर्जी उन की
जीवन भर वो साथ निभाए, या अपने घर में बैठे
जो होना था हो गया यादव तू अब क्यूं घबराए
ऐसा, ना हो आज कहीं तू, दिल छोटा कर बैठे
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना)
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




