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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

दिल अपना दे बैठे

कापीराइट गजल

      दिल अपना दे बैठे

अनजाने में, हम उन से, ये सौदा एक कर बैठे
दिल के बदले में उनको हम दिल अपना दे बैठे

अनजाने में जब उसने, मुझे अपने पास बुलाया
एक नजर में हम उनसे सौदा दिल का कर बैठे

दे कर, उन को चांद सितारे, जब हम घर आए
प्यार की लौ से हम रौशन, घर अपना कर बैठे

शाम ढ़ली तो यादें उनकी कहर ढ़ा गई दिल पे
यादों की इस नैया में, हम रात, सफर कर बैठे

सौंप दिया है, दिल उन को आगे मर्जी उन की
जीवन भर वो साथ निभाए, या अपने घर में बैठे

जो होना था हो गया यादव तू अब क्यूं घबराए
ऐसा, ना हो आज कहीं तू, दिल छोटा कर बैठे
-    लेखराम यादव
( मौलिक रचना)


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (8)

+

सुभाष कुमार यादव said

बहुत सुंदर रचना यादव सर।👌👌🙏🙏

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद सुभाष जी, आपको सुप्रभात सहित सादर नमस्कार।

रीना कुमारी प्रजापत said

एक एक लफ़्ज़ दिल में उतर गया और वही रम गया है...... बहुत बहुत शुक्रिया आपका ये ग़ज़ल लिखने के लिए 😥😥😥 पर हम अपना दिल छोटा कर बैठे है... 😥😥

Lekhram Yadav replied

दिल बङा रखेंगे तो दर्द और तकलीफों का सामना नहीं करना पङेगा, अगर दिल छोटा ही रखेंगे तो दर्द, दुख, ईष्या और द्वेष भावना अधिक परेशान करेंगे, इसलिए दिल को बङा रखिए और जिन्दगी को सही ढंग से जीने का मजा लीजिए, इतनी, खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार, आपको सादर नमस्कार।

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

आदरणीय लेखराम सर जी सादर प्रणाम 🙏 आपका दिल बहुत बड़ा है सर जी। किसी की मुलाकात को आंखों में सजाकर घर तक ले आना,ये तो सच्ची मोहब्बत करने वाले करते हैं। वाह!! खूबसूरत रचना।👌👌👌🌹🌹🙏

Lekhram Yadav replied

आपका दिल से बहुत आभार एवं धन्यवाद समदिल भाई, आपकी हर प्रतिक्रिया हमें दिल से लिखने के लिए प्रेरित करती हैं, सो हमने इसे सच्चे दिल से लिखा है आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद एवं आभार, आपको सादर नमस्कार।

शिवचरण दास said

यह दिल की बात आपके दिल से निकलती है
लेख लिखने इश्क का यादव कलम मचलती है!

Lekhram Yadav replied

बहुत खूबसूरत अन्दाज में गजल के प्रति आपकी प्रतिक्रिया मिली, हमें ऐसा लगा कि आपकी प्रतिक्रिया भी दिल से आई है, सर मैं उम्मीद करता हूं भविष्य में भी मेरी रचनाओं को आपकी प्रतिक्रिया रूपी प्रेम रस का आशीर्वाद मिलता रहेगा, आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद और सादर नमस्कार।

श्रेयसी said

सबकी फ़साद ये दिल हीं तो है। क्या ख़ूब लिखा आपने बहुत मार्मिक रचना, सादर प्रणाम लेखराम भैया 🙏🙏

Lekhram Yadav replied

सही कहा आपने, आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद एवं सादर नमस्कार।

वन्दना सूद said

वाह बहुत सुंदर sir 👏👏👌👌🙌🏻

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद एवं आभार वन्दना जी, आपको सादर नमस्कार।

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

वाह! यादव जी! क्या कहने! बहुत ख़ूब! बेहतरीन और लाजवाब रचना हमेशा की तरह! आदाब! 👌👌👏👏❤️🙏

Lekhram Yadav replied

आदाब अर्ज है अहमद भाई, आपका प्यार और आशिर्वाद मिला मेरे लिए यही काफी है, आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद एवं स्वागत है।

सरिता पाठक said

बहुत सुन्दर, शानदार रचना 👌आदरणीय सर जी को नमस्कार 🙏🙏

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद सरिता जी, आपको सादर नमस्कार।

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