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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

सफलता - एक तप का स्वर

सफलता — केवल लक्ष्य नहीं, यह आत्मा की पुकार है,
विरामहीन प्रयत्नों में संचित एक अग्नि-संस्कार है।

यह पद नहीं जो चढ़ते ही, मिल जाए सहज सम्मान,
यह तो पथ है कंटकों से, जिसमें तपे अरमान।

निज स्वप्नों की शवशय्या पर, संकल्पों का श्राद्ध करो,
हर असफल झोंके में जाकर, नवदीप्ति का व्रत भरो।

निष्ठा की परिधि बाँधो जब, और श्रम बने शस्त्र,
तब बाधाएं भी झुक जाएं, बनकर पथ का पात्र।

परिश्रम की परछाइयों में, उजास स्वयं उग आता है,
और धैर्य जब दीप बने, पथ स्वर्णिम बन जाता है।

यह यात्रा है मौन साधना, न दिखावा, न शोर,
जहाँ स्वयं से युद्ध बड़ा है, ना कोई बाह्य भोर।

विपत्तियों के संग नाचे जो, हँसकर गहें क्लेश,
वही रचते हैं इतिहास में, अमर सफलता-लेख।

तो मत पूछो यह क्या है — यह जीने की शैली है,
सफलता वह अग्निपथ है जो अंतर को झेली है।

----अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र'


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (9)

+

सुप्रिया साहू said

वाह...सफलता पर बहुत खूबसूरत रचना अशोक सर 👌🥰, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

आपका हार्दिक आभार एवं सादर नमस्कार इतनी सुन्दर एवं मनमोहक समीक्षा के लिए - आपको सादर प्रणाम 🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत said

Bahut khubsurat rachna... Kya baat hai us din jab aap chunouti laaye the tab bhi likhantu par or bhi chunoutiya thi... Aaj jab safalta laaye hai to aaj yaha or bhi bahut safaltayein hai.... Ittefaaq hai ya.... waise rachna bahut sundar hai ... Shat shat naman apki rachna ko🙏 प्रणाम 😊सुप्रभात

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

आपका हार्दिक आभार एवं सादर नमस्कार इतनी सुन्दर एवं मनमोहक समीक्षा के लिए - आपको सादर प्रणाम 🙏🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

नहीं, आदरणीय, यह इत्तेफाक़ तो नहीं है, ट्रायल Version है, जल्द ही आपके सामने Bhi होगा - Punah: आपको सादर प्रणाम 🙏🙏

सुभाष कुमार यादव said

बहुत सुंदर रचना। भाव एवं शिल्प का मणिकांचन योग। साहित्यिक शब्दावली का सुंदर प्रयोग कर भी सहज बोधगम्य रचना।👌👌🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

आपका हार्दिक आभार एवं सादर नमस्कार इतनी सुन्दर एवं मनमोहक समीक्षा के लिए 🙏🙏

Vadigi.aruna said

हमेशा की तरह उम्दा लिखा आपने बहुत खूब👌👌

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

आपका तहे-दिल से आभार, आदरणीय मैडम, आपको सादर नमस्कार।

श्रेयसी said

यह यात्रा है मौन साधना..... लाजवाब अभिव्यक्ति बहुत खूबसूरत रचना अशोक जी 🙏🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

आपका हार्दिक आभार एवं सादर नमस्कार इतनी सुन्दर एवं मनमोहक समीक्षा के लिए 🙏🙏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

वाह, आपने सफलता शब्द को अतिसुंदर परिभाषित किया है। शब्द मोतियों को गुथ गुंथकर एक सुंदर माला का सृजन तो आपकी रचना की विशेषता है। सचमुच सफलता किसी परीधि में सिमटकर नहीं रह सकती। सीमाएं असीमित है। बुलंदी के ऊपर भी है, सोहरत के रास्ते, कारनामे बहुत हैं,कर दिखाने के लिए आपकी रचना को नमन, आपकी सफलता को नमन।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

आपका हार्दिक आभार एवं सादर नमस्कार इतनी सुन्दर एवं मनमोहक समीक्षा के लिए 🙏🙏

Ankush Gupta said

Waah bhai..kmaal likha ha 👏👏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

आदरणीय Gupta जी का हृदय से आभार आपकी प्रतिक्रिया वाकई मुझे प्रेरित करती है एवं ज्यादा बेहतर लिखने के लिए लालायित आपका पुनः आभार

Ankush Gupta said

Waah bhai kmaal likha ha 👏👏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

आदरणीय Gupta जी का हृदय से आभार आपकी प्रतिक्रिया वाकई मुझे प्रेरित करती है एवं ज्यादा बेहतर लिखने के लिए लालायित आपका पुनः आभार

अमित श्रीवास्तव said

वाह...सफलता पर बहुत खूबसूरत रचना - 🙏🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

आदरणीय अमित जी का हृदय से आभार आपकी प्रतिक्रिया वाकई मुझे प्रेरित करती है एवं ज्यादा बेहतर लिखने के लिए लालायित आपका पुनः आभार

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