आज
जो बीमारियाँ लाइलाज बनी हुई हैं
वो अब तक
इतिहास के पन्ने बन चुकी होतीं।
अगर होता
डॉक्टरों के समूहों में
जीनियसों का भी कोई जीनियस
जैसा कि ओपेनहाइमर था,
तो न जाने अब तक
कितनी जानें बच गई होतीं
उन बीमारियों से
जो आज भी
मानवता को लाचार बनाए हुए हैं।
-प्रतीक झा 'ओप्पी'


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
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