बहुत देर कर दी मेहरवां आते आते,
सुबह से शाम, शाम से सुबह हो गई आपको आते आते,
तेरे मुखरे को देखे बिना मेरे दिल की बेचैनियाँ बढ गई है,
तेरी राह देखते देखते,
सचमुच अगर तेरा मुखरा देख लिया,
तो जरा सोचो मेरे दिल का आलम क्या होगा,
----धर्म नाथ चौबे 'मधुकर'
(9038539763)