तन्हा समझने में गल्ती हुई।
दरवाजा खोलते मिलनी हुई।।
मुस्की से चेहरा गुलाबी हुआ।
बाहों में आकर गुलाब हुई।।
तब समझे प्यार की ताकत।
मन्नते मांगी सारी कुबूल हुई।।
दर्द उडन छूँ हुआ 'उपदेश'।
बहन-भाई जोडी खुशहाल हुई।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद