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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

गजल - ख्वाहिश किसी की

कापीराइट गजल

होती नहीं हैं पूरी यह ख्वाहिशें किसी की
खिलते नहीं कमल ख्वाहिश पे किसी की

लहरों की तरह उठती हैं ख्वाहिशें अनेक
साहिल पे डूबती हैं ख्वाहिश किसी की

मचले हैं जब अरमान इस दिल में कभी
निकला है यह दम ख्वाहिश पे किसी की

मिलती है कहां मंजिल हर ख्वाहिश को यहां
मर जाती है जब यह ख्वाहिश किसी की

कहां मिलता है सुकून हर किसी को यहां
अगर होती है अधूरी ख्वाहिश किसी की

अधूरे हैं सब ख्वाब ये ख्वाहिश के बिना
रहती है खोई खोई ये ख्वाहिश किसी की

हर ख्वाहिश अगर सब की हो जाए पूरी
खिल उठेगी यादव यह जिन्दगी उसी की

- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

+

सुभाष कुमार यादव said

सुंदर अभिव्यक्ति। 👌🙏

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद सुभाष जी, आपको सुप्रभात सहित सादर नमस्कार।

वन्दना सूद said

सुन्दर भाव से ओत प्रोत रचना 👌👌

Lekhram Yadav replied

आदरणीय वन्दना जी आपको धन्यवाद सहित सादर नमस्कार।

श्रेयसी said

हजारों ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पे दम निकले...... क्या बात है बहुत सुंदर। सादर प्रणाम 🙏🙏

Lekhram Yadav replied

गालिब की गजल सुना रही हो बहना, बहुत खूब, आपका धन्यवाद सहित हार्दिक आभार।

श्रेयसी said

ज़ी इतनी ख्वाहिशें पढ़ने के बाद ग़ालिब जी को याद न करूंँ तो मेरी ज़मीर की तौहीन होगी।

Lekhram Yadav replied

ऐसा है क्या

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut khoobsoorat ghazal Adarneey Yadav sir ji, saadar pranam...khwahishon ka silsila kabhi khtam nahi hota...rahti hai koyi ghazal adhuri kisi ki..., par aapki ghazal hamesha ek utsaah bhar deti hain...aapki har ghazal isi tarah paripurn rahe aisi hi prarthna hai..

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत बहुत धन्यवाद सर

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