एकाकी मनवा कड़वी यादें
कंटीली राहें अश्रुत फरियादें
उड़ते रिश्ते तथाकथित फरिश्ते
चुभते कांटे अरमान झुलसते
यादों के जलते बुझते चिराग
अव्यवस्थित दिल ओ दिमाग
अपनों के जख्म दिखाऊ कफन
दिल के अरमान दिल में दफन !
✒️ राजेश कुमार कौशल
New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|
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चुभते कांटे अरमान झुलसते
यादों के जलते बुझते चिराग
अव्यवस्थित दिल ओ दिमाग
अपनों के जख्म दिखाऊ कफन
दिल के अरमान दिल में दफन !
✒️ राजेश कुमार कौशल