बेटी बचाओ का चल रहा है अभियान
इस अभियान पर कुछ को हो सकता है मान
पर खुद के दिल से पूछो क्या ये सही है
जो बेटियां हैं क्या उनकी इज्ज़त करी है
क्या हक़ीकत में बच रही है बेटियां
सड़क चलती बसों में पिस रही हैं बेटियां
बादल की हो पवन की या बस हो सरकारी
रोज़ उस बस में मर रहीं है बेटियां हमारी
गलियों –चौराहों पर मर रही हैं बेटियां.....
पोस्टरों और अभियानों में बेटियों का होता सम्मान
हर-रोज़ सड़कों पर करते हम बेटियों का अपमान
बचाना है बेटियों को पहले बंद करो उन दरिंदो को
करते जो अत्याचार खत्म करो ऐसे दरिंदो को
न करो कोई काम ऐसा जिससे हो बेटियों का अपमान
बेटियां तो सिर्फ़ बेटियां हैं होती हमारी मान और शान !!!!