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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

आलम-ए-ग़ज़ल परवेज़ अहमद का मुक्तक - जो देखे थे मैं ने बहारों के सपने

"मुक्तक"

जो देखे थे मैं ने बहारों के सपने!
वो सपने नहीं हो सके मेरे अपने!!
ये तिरा हुस्न था जिस ने ढाए सितम!
मिरा इश्क़ तो लगा था तिरी माला जपने!!

- आलम-ए-ग़ज़ल परवेज़ अहमद
© Parvez Ahmad




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (8)

+

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

ओ हो हो हो... हुस्न का सितम तो बस ,प्रेम का संन्यासी बनाकर छोड़ता है। क्या बात है परवेज जी,आदाब, good morning 🌅🌅🌅

रीना कुमारी प्रजापत said

आहा! क्या बात है 👌

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

ठीक कहा आपने, मनोज जी, हा... हा... हा...! बेहतरीन समीक्षा और ता'रीफ़ के ख़ूबसूरत अल्फ़ाज़ के लिए तह-ए-दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया आपका! बहुत-बहुत नवाज़िश आपकी! आदाब! ❤️🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

दिल की गहराइयों से बहुत-बहुत शुक्रिया आपका रीना जी! बहुत-बहुत इनायत आपकी! आदाब! ❤️🙏

Lekhram Yadav said

दिल हुआ उदास, इश्क भया देवदार, क्या बात है, अहमद भाई, आपको सादर नमस्कार

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया आपका, मनोज जी! नवाज़िश! आदाब! ❤️🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

तह-ए-दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया आपका, रीना जी! इनायत! ❤️🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया आपका, यादव जी! मेहरबानी! आदाब! ❤️🙏

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