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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

झुकने वाला नहीं

अपनी पे आ गया तो, डरने वाला नहीं,
टूट जाऊँ भले ही, पर झुकने वाला नहीं।

चाहे तो दो मीठे बोल से खरीद ले कोई,
अहंकारी के करोड़ों में बिकने वाला नहीं।

मेरी सादगी को कमजोरी समझने वालों,
मैं अगर बोला तो फिर रुकने वाला नहीं।

मेरी गलती हुई तो जैसा चाहो कर लेना,
मैं गलत नहीं तो फिर सहने वाला नहीं।
🖊️सुभाष कुमार यादव




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (8)

+

श्रेयसी said

वाह लाजवाब रचना मैं ग़लत नहीं तो फिर सहने वाला नहीं बहुत सुंदर 👌👌🙏🙏

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद श्रेयसी जी। 🙏🙏

अमित श्रीवास्तव said

चाहे तो दो मीठे बोल से खरीद ले कोई, अहंकारी के करोड़ों में बिकने वाला नहीं - बहुत खूब आत्मसम्मान से लबालब रचना

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद श्रीवास्तव सर जी।🙏🙏

फ़िज़ा said

बहुत ही खूबसूरत अंदाज़ में लिखी हुयी आत्मसम्मान को समर्पित ग़ज़ल बेहतरीन लाज़वाब

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद फ़िज़ा जी।🙏🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

वाह बहुत खूब लिखा आदरणीय यादव सर जी सुन्दर ग़ज़ल के माध्यम से मनुष्य एवं स्वयं के आत्मसम्मान को ठेस नहीं पहुंचने दूंगा वाला सन्देश और गलत होने पर गलती का एहसास करते हुए उसके परिणाम भुगतने के लिए तत्परता का सन्देश देते हुए बहुत ही वैचारिक एवं सैद्धांतिक रचना आपको सादर प्रणाम आदरणीय

सुभाष कुमार यादव replied

इतनी सुंदर प्रतिक्रिया के धन्यवाद सहित सादर प्रणाम पचौरी सर।🙏🙏

उपदेश कुमार शाक्यावार said

वाह 👌👌

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद उपदेश सर जी ।🙏🙏

Shiv Charan Dass said

बहुत भावपूर्ण रचना.......झुकने वाला नहीं.....सुभाष को आपने पहचाना नहीं

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद दास सर जी।🙏🙏

सुप्रिया साहू said

बहुत खूबसूरत रचना सर 👌👌, जब गलत नहीं हैं तो सहेंगे क्यों, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद सुप्रिया जी।👌👌🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत said

Lajawab 👌 bemisaal

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद रीना जी।🙏🙏

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