हम बच्चे हैं फिर भी है विश्वास
हम बड़े हाेते ही.......
चाराें अाेर देश में शांति छाएंगे
जय जय जय जय भारत गाएंगे
देश काे समृद्धि बनाएंगे
विश्व काे ये कर दिखाएंगे
हम बच्चे हैं फिर भी है विश्वास
हम बड़े हाेते ही.......
अपनी संस्कार परम्परा न छाेडेंगे
कु- संस्कार कु - रीति को ताेडेंगे
उंच-निच भेद-भाव पर प्रतिबन्ध लगाएंगे
सबके पास जा कर सब काे ये समझाएंगे
हम बच्चे हैं फिर भी है विश्वास
हम बड़े हाेते ही.......
भष्टचार जड़ से ही मिटाएंगे
गरीबाें की गरीबी हटाएंगे
ऐसा सु-शासन चलाएंगे
हर जन जन काे न्याय दिलाएंगे
हम बच्चे है फिर भी है विश्वास
हम बड़े हाेते ही .......
सारे देश में ऐसा माहाैल लाएंगे
स्वास्थ्य शिक्षा राेजगार घर-घर पहुंचाएंगे
विद्धुत पानी संचार सड़क सभी जगह फैलाएंगे
शहर गावं बस्ती-बस्ती हर तरफ ले जाएंगे
हम बच्चे हैं फिर भी है विश्वास
हम बड़े हाेते ही.......
दुश्मन काेई देश के अन्दर अाए ताे
लड़ने हम से यूं हीं लग जाए ताे पहले
उसकाे समझा कर छाडेंगे
यदि उसने न माना हम फिर
उसे जमीन पर गाडेंगे
हम बच्चे हैं फिर भी है विश्वास
हम बड़े हाेते ही.......
बेसक अपना शिर खुशी-खुशी कटाएंगे
भारत देश हमारा कभी नहीं झुकाएंगे
देश के निर्माण में हर कष्ट सहेंगे
एक दिन सफल....जरुर हम रहेंगे
एक दिन सफल....जरुर हम रहेंगे.......
----नेत्र प्रसाद गौतम

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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