दुनियाँ में आए हो तो अच्छा कर्म करो प्यारे
इख़्तिलाफ़ जाति-धर्म का ख़त्म करो प्यारे
रंजिशें न हों आपस में कभी ख़्याल ये रहे
जुबां पे अपनी हरकदम संयम रखो प्यारे
जरुरतों का पहाड़ हो फिर भी न बिके ज़मीर
इसके लिए तुम कोई भी उपक्रम करो प्यारे
मिट्टी में मिलाओ न इज्ज़त अपने खानदानों की
नाम सबके जुड़ें हैं तुमसे कुछ तो शर्म करो प्यारे