जहां धरती को माता करकर बच्चे बूढ़े सब पूज रहे
पर राजनीति की बातों तो में ये वापस में ही जूझ रहे
सुनो न राजनीति तुमको खाने को खाना देकर जाएगा
न इस धरती पर कोई राजा रामचंद्र सा आएगा
तो अच्छा है राजनीति से किसी बहाने निकल चलो
बित गई सारी जवानी अब तो कमाने निकल चलो
भरी जवानी जिसने ताकि आगे पीछे जाते थे
जिसकी जीत के खातिर तुम हर दल से लड़ जाते थे
वह नेता अब तो आगे बढ़ाकर तुमको पीछे छोड़ गया
जिसकी खातिर तुम लड़ते थे वह सारे रिश्ते तोड़ गया
अब अपने बिगड़े कल को देखो इसी बहाने निकल चलो
बीत गई सारी जवानी अब तो कमाने निकल चलो