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गब्बर और हरिया अपनी हरकतों से बाज नहीं आए और उन्होंने एक जांबाज पुलिस आफिसर ठाकुर रंजीत सिंह को ही चुनौति दे डाली और दोनों ही एनकाउंटर में मारे गए। ईश्वर उनकी शैतान आत्मा को भी शांति दे।
प्रिय दोस्तो गब्बर का आतंक खत्म होने पर आपको भी आत्मा शांत हो गई होगी। कई लोगों में इतना भय व्याप्त हो गया कि उन्होंने गब्बर और हरिया की विदाई के लिए ट्रोल करना शुरू कर दिया था। मुझे खेद के साथ उनसे विदाई लेनी पड़ रही है।
जिस तरह गब्बर और हरिया ने लिखन्तु डाॅट काॅम पर धमाल मचाया और लोकप्रियता हासिल की उसमें आप सब पाठकों की भूमिका भी उतनी ही महत्वपूर्ण थी, जितनी उसे रचने और उसमें भाग लेने वालों की थी।जिन लोगों ने गब्बर और हरिया को जीवन्त और अविस्मरणीय बनाया उन्हें मैं आभार व्यक्त करता हूं और धन्यवाद देता हूं।
ऐसा नहीं है कि हम खामोश होकर बैठ जाएंगे। अब हम अपनी मोहब्बत की दुकान में शेयर ओ शायरी की महफ़िल सजाया करेंगे और आपका मनोरंजन करने की भरपूर कोशिश करेंगे। आप सबका धन्यवाद।
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