तुम्हारे हीं ख़्यालों में खोये रहना अच्छा लगता है
नाम तुम्हारा लिख कर मिटाना अच्छा लगता है
दिवस के अरूणाई में और चाँदनी साथ तन्हाई में
तुमको सोच कर गुनगुनाना अच्छा लगता है
अपनी तो फ़ितरत है किसी से कोई आरज़ू नहीं
प्यार जताये बगैर निभाना अच्छा लगता है