क्यों चेहरे पे चिंता की लकीरें हैं ?
क्या चतुराई काम नहीं कर रहीं ?
दूसरों के आशियानें उजड़ने वालों
अब तुम्हारी बारी आई है..
बाबा की नगरी से चलकर
बुलडोजर गाड़ी आई है।
हिसाब बराबर करने की
क्या रुत सुहानी आई है।
कानून को खेलवाड़ समझने वालों
बहु बेटियों पर हाथ डालने वालों
भय भूख गरीबी भ्रष्टाचार बढ़ाने वालों
चोर उच्चकों उठाईगिरी रंगदारी
वसूलने वालों
बाबा के राज में अब जनता की बारी आई है।
महाराज जी ने इन सभी पापियों को
या तो जेल या जहन्नुम में पहुचाई है।
प्रदेश अब फल फूल रहा
अब सिर्फ उन्नति तरक्की विकास खुशी
न्याय सामाजिक आर्थिक उत्थान
खुल रहें नित्य नए प्रतिष्ठान
बदल गया पूरा आयाम
जीवन हो गया सबका आसान।
आओ करे हम एक कुशल नेतृत्व
को प्रणाम।
महाराज जी को हो नतमस्तक
उनको शाष्टांग प्रणाम।
बड़े जोरों से चल रहा प्रदेश में
सफ़ाई अभियान
बस जन जन का कल्याण..
बस जन जन का कल्याण..

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




