अपना काम निकालाे बेशक दूसराें काे चूना लगाओ यार,
कविता लिख कवि बन ईन्टरनेट में छओ यार।।
यहां वहां किसी काे भी कभी भी मत देखाे यार,
किसी से नहीं वास्ता मैं कविता लिख रहा
तुम भी कविता लिखाे यार।।
मेरा कहा तुम सभी लाेग मानाे यार,
मुझे कवि बनना है तुम भी कवि बनाे यार।।
मैं नाम कमाने की चक्कर में हूं
तुम भी नाम कमाओ यार।।
कविता लिख कवि बन ईन्टरनेट में छओ यार।।?
किसी भूखे की पेट भरने की क्या पडी खुद पेट भराे यार,
मैं भी यही कर रहा तुम भी यही कराे यार।।
काेई दुखी राे रहा राेने दाे ये चक्कर में न पडाे यार,
मैं आगे बढ रहा तुम भी आगे बढ़ो यार।।
भले ही दुनियां इधर-उधर हाे जाए
छाेडाे परे आओ यार,
ईन्टरनेट में छओ यार।।
ईन्टरनेट में छओ यार.......
----नेत्र प्रसाद गौतम

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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