आसमाँ का वो चाँद बनने की तमन्ना,
जो हर जगह अपनी चाँदनी की ख़ूबसूरती बिखेरता है,
ऐसा ही चाँद बनने का ख़्वाब दिल में सजाया है,
उस ख़्वाब को पूरा होने से ,
न कोई मुश्किलें हरा सकती हैं
न कोई मुसीबतें रोक सकती हैं
न ही कोई ज़िम्मेदारी थका सकती है
माना ,ज़िन्दगी आसान नहीं है ,सफ़र बहुत लम्बा है,
पर, हमारा धीरज आसमाँ सी ऊँचाई छूने को तैयार है ,
बादल छटने लगे हैं ,चाँद निकलने को तैयार है ,
हाथ फैलाए हम उस चाँदनी को समेटने को बेक़रार हैं,
बस जल्दी ही हमारा यक़ीन हक़ीक़त बनने को तैयार है ॥
वन्दना सूद