आज मन कर रहा बात हो जाए उनसे।
रहबर की दुआ आगे न बढ जाए उनसे।।
मकान बनाने की फितरत उलझन बनी।
पैर पडते ही कही घर न बन जाए उनसे।।
जिन्दगी देने की तरकीब निकाली जैसे।
बात करते ही जन्नत न बन जाए उनसे।।
ठिकाना अभी तक तन्हाई में बीत रहा।
अमनपरस्त 'उपदेश' न बन जाए उनसे।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद