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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

मगर ये आसांँ तो नहीं

क्या करुँ कि वो मुझसे न दूर है न पास है
निर्निमेष नज़र द्वारे पे पर मिलन की न आस है

शाम की सुहानी हवा घर में आई है महकी-महकी
शायद उनकी गलियों से है आई तभी लगा ख़ास है

क्यूंँ गुजरना पड़ता है ज़िंदगी में ऐसे रहगुज़र से
जहांँ किसी न किसी मोड़ पर सबके जीवन में काश है

वो कहते हैं सब भूल जाओ मगर ये आसांँ तो नहीं
दिल से कहांँ निकलता है बसा जो एहसास है




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (10)

+

Lekhram Yadav said

बहुत खूबसूरत एहसास बसाए हो दिल में, बहुत खूबसूरत और लाजवाब रचना, आपको सादर नमस्कार।

शिवचरण दास said

वाह. .दिल से अहसास नहीं जाता है इसीलिए दिल कहलाता है

श्रेयसी said

बहुत-बहुत आभार शुक्रिया लेखराम भैया सादर प्रणाम 🙏🙏

श्रेयसी said

बहुत-बहुत आभार शुक्रिया दास सर सादर प्रणाम 🙏🙏

उपदेश कुमार शाक्यावार said

वाह बहुत सुंदर 🙏🙏

इक़बाल सिंह “राशा“ said

बहुत उम्दा श्रेयसी जी
हर पंक्ति में विरह की कसक और अधूरे मिलन की तड़प बड़ी खूबसूरती से झलकती है। ग़ज़ल का हर शेर दिल की गहराई तक असर छोड़ता हैl लाजवाब

श्रेयसी said

बहुत-बहुत आभार शुक्रिया उपदेश सर 🙏🙏

श्रेयसी said

बहुत-बहुत आभार शुक्रिया इक़बाल जी 🙏🙏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

जो एहसास दिल में एक बार बस जाए, ताउम्र नहीं निकलता । खूबसूरत यादों को संजोए हुए सुंदर मनोभावों का प्रवाह मयी चित्रण,👌👌👌🌹🙏

वन्दना सूद said

वो कहते हैं सब भूल जाओ मगर ये आसांँ तो नहीं
दिल से कहांँ निकलता है बसा जो एहसास है
वाह वाह शानदार लाजवाब रचना 👌👌👏👏

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