ऐसा क्यों होता है?
ऐसा क्यों कहा जाता है कि अच्छाई का ज़माना ही नहीं रहा?
अच्छाई के मार्ग पर चल रहा व्यक्ति क्यों अफ़सोस करने पर मजबूर हो जाता है?
ऐसा क्यों होता है?
क्यों अच्छाई के मार्ग में इतनी परेशानीयां आती है?
उस अच्छाई को कायम रखने के लिए क्यों कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है?
ऐसा क्यों होता है?
क्यों उस अच्छाई में ही कमी निकाल, उसे बुरा साबित किया जाता है?
अच्छाई का परिणाम इतना बुरा क्यों होता है?