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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

ऐसा होता तो क्या होता?

ये होता तो क्या होता......?
सोचती हूॅं अक्सर मैं कि ये होता तो क्या होता ?
तन्हाईयां कभी ना होती ज़िंदगी में,
हर अपना संग मेरे होता। ऐसा होता तो क्या होता ?

ना कोई दर्द ज़िंदगी ने मुझे दिया होता,
ना ज़िंदगी ने मुझे इतना रूलाया होता,
हर वक्त दामन में मेरे खुशियों का पिटारा होता। ऐसा होता तो क्या होता ?

हर कोई प्यार मुझसे करता,
नफ़रत ना कोई मुझसे करता,
ख़ामोशी को मेरी दूर कर,
मेरी ख़ामोशी को अल्फ़ाज़ दे देता। ऐसा होता तो क्या होता ?

वो जो कहते हैं कि तेरी बहुत फ़िक्र है मुझे,
काश! ये सच होता
उसके और मेरे दरमियां ये मीलों का फासला ना होता। ऐसा होता तो क्या होता ?

वो जो कहते थे तुम पर बहुत विश्वास है मुझे,
आज लगता है उन्हें विश्वास नहीं मुझपे
कभी हुआ करती थी पहरों पहर उनसे बातें,
काश, अब भी ऐसा ही होता। ऐसा होता तो क्या होता ?

ये होता तो क्या होता........?
सोचती हूॅं अक्सर मैं कि ये होता तो क्या होता ?
वो कहीं दूर ना मुझसे गया होता,
आज वो पास मेरे होता। ऐसा होता तो क्या होता ?

"रीना कुमारी प्रजापत"




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Sochne wali baat to hai Aisa hota to kya hota

डॉ कृतिका सिंह said

Uttam prastuti bahut achha likha aapne

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

सब कुछ अपने मन से नहीं होता, नियति के खेल अजब है,।अति भावपूर्ण रचना, वाह।

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