कापीराइट गजल
होते हैं क्या रिश्ते अगर यह जान लेते तुम
क्या मोल है इनका अगर पहचान लेते तुम
रिश्तों में जान हो तो ये लगता है प्यारा घर
कीमत यह घर की अगर पहचान लेते तुम
अगर मधुर हों रिश्ते, तो रौशन है यह जहां
रिश्तों की यह मधुरता अगर जान लेते तुम
ये रिश्तों की जमा पूंजी क्यूं शुन्य हो गई
बलैंस इन रिश्तों का अगर जान लेते तुम
अब बात करते वक्त तुम, रहते हो जुदा-जुदा
ये मुस्कान की चादर लबों पर तान लेते तुम
रिश्तों में है जन्नत तेरी, किसी और में नहीं
इन रिश्तों में क्या असर है, ये जान लेते तुम
यूं बनके हिटलर घूमते हो, अक्सर यहां-वहां
काश खुद को भी कभी पहचान लेते तुम
हो तुम खफा हम से, ये भी जानते हैं हम
अच्छा, होता यादव, राम का नाम लेते तुम
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




